হিমাচলে পাথর ধসে গাড়ির মর্মান্তিক দুর্ঘটনায় একই পরিবারের ৬ জনের মৃত্যু

হিমাচলে পাথর ধসে গাড়ির মর্মান্তিক দুর্ঘটনায় একই পরিবারের ৬ জনের মৃত্যু

হিমাচল প্রদেশের চাম্বা জেলায় পাথর ধসে একটি গাড়ি ৫০০ মিটার গভীর খাদে পড়ে যায়। দুর্ঘটনায় একই পরিবারের ৬ জন মারা গেছেন। খাদ থেকে সব মৃতদেহ উদ্ধার করা হয়েছে।

Car Accident: হিমাচল প্রদেশের চাম্বা জেলা থেকে একটি হৃদয়বিদারক ঘটনা সামনে এসেছে, যা পুরো অঞ্চলকে শোকের ছায়ায় ঢেকে দিয়েছে। বৃহস্পতিবার রাতে চুराह মহকুমার ভাজরাডু থেকে শ্রীগর গ্রামের দিকে যাওয়া একটি গাড়ির উপর পাহাড় থেকে হঠাৎ বড় বড় পাথর এসে পড়ে, যার কারণে নিয়ন্ত্রণ হারিয়ে গাড়িটি সরাসরি ৫০০ মিটার গভীর খাদে পড়ে যায়। এই মর্মান্তিক দুর্ঘটনায় একই পরিবারের ছয়জন ঘটনাস্থলেই মারা যান।

দুর্ঘটনা কিভাবে ঘটল?

ঘটনাটি ৭ আগস্ট রাত প্রায় ৯টা ২০ মিনিটের। সুইফট গাড়িটি ভাজরাডু থেকে শ্রীগরের দিকে যাচ্ছিল, তাতে মোট ৬ জন যাত্রী ছিলেন। গাড়িটি একটি মোড়ের কাছে পৌঁছানোর সঙ্গে সঙ্গেই ওপর থেকে ভারী পাথর এসে সরাসরি গাড়ির উপর পড়ে। পাথরের চাপ ও তীব্র ধাক্কায় চালক গাড়ির নিয়ন্ত্রণ রাখতে পারেননি এবং গাড়িটি সরাসরি গভীর খাদে পড়ে যায়।

ঘটনার পর ঘটনাস্থলে কান্নার রোল পড়ে যায়। স্থানীয় গ্রামবাসীরা সঙ্গে সঙ্গেই পুলিশ ও ফায়ার ব্রিগেডকে খবর দেন। কিছুক্ষণের মধ্যেই ডিএসপি সালুনি রঞ্জন শর্মার নেতৃত্বে উদ্ধার কাজ শুরু হয়। খাদে পড়ে যাওয়া গাড়ি পর্যন্ত পৌঁছাতে অনেক অসুবিধা হয়, কারণ রাতের অন্ধকার এবং এবড়োখেবড়ো রাস্তা কাজটিকে আরও কঠিন করে তোলে।

মৃতদের পরিচয়

দুর্ঘটনায় নিহতরা সকলেই একই পরিবারের সদস্য ছিলেন। मृतकों की पहचान इस प्रकार हुई है:

  1. রাজেশ কুমার – সরকারি স্কুলের শিক্ষক পদে কর্মরত ছিলেন।
  2. হাঁসো – রাজেশ কুমারের স্ত্রী।
  3. আরতি – রাজেশ কুমারের মেয়ে।
  4. দীপক – রাজেশ কুমারের ছেলে।
  5. রাকেশ – রাজেশ কুমারের ছোট ভাই।
  6. হেম পাল – গাড়ির চালক।

জানা গেছে, রাজেশ কুমার বানিখেত থেকে তার সন্তানদের ফিরিয়ে আনছিলেন, যেখানে তারা পড়াশোনা করত। ছুটিতে বাড়ি ফেরার পথে এই দুর্ঘটনা ঘটে।

প্রশাসন ও স্থানীয় लोगों की भूमिका

দুর্ঘটনার পর প্রশাসন ও স্থানীয় গ্রামবাসীরা দ্রুত পরিস্থিতি নিয়ন্ত্রণে আনে। পুলিশ, ফায়ার ব্রিগেড ও স্থানীয় স্বেচ্ছাসেবকদের সহায়তায় রাতেই খাদ থেকে মৃতদেহ উদ্ধার করা হয়। सभी मृतकों को सिविल अस्पताल तीसा ले जाया गया, जहां पोस्टमार्टम की प्रक्रिया की जा रही है।

ডিএসপি রঞ্জন শর্মা बयान देते हुए कहा कि यह हादसा किसी मानवीय भूल का नतीजा नहीं है, बल्कि प्राकृतिक आपदा की वजह से हुआ। उन्होंने यह भी कहा कि इस क्षेत्र में पहाड़ से पत्थर गिरने की घटनाएं अक्सर होती रहती हैं, जिससे भविष्य में ऐसे हादसों को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाने की आवश्यकता है।

শোক की लहर, नेताओं की संवेदनाएं

चंबा जिले में हुए इस दर्दनाक हादसे से पूरे इलाके में मातम छा गया है। लोगों का दिल दहल गया है क्योंकि एक ही परिवार के छह लोगों की एक साथ मौत हो गई। इस दुखद घटना पर हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भी शोक जताया है।

पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सोशल मीडिया पर लिखा कि चंबा के तीसा में जो हादसा हुआ, वह बहुत ही दुखद है। उन्होंने कहा कि वह पीड़ित परिवार के साथ हैं और ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि मृतकों को शांति और परिवार को इस भारी दुख को सहने की ताकत मिले।

প্রশ্নের घेरे में प्रशासनिक तैयारियां

यह हादसा एक बार फिर से पहाड़ी क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करता है। बारिश के मौसम में अक्सर पहाड़ों से चट्टानें और मलबा गिरने की घटनाएं होती हैं, लेकिन ऐसे संवेदनशील क्षेत्रों में कोई स्थायी समाधान नहीं निकल पाया है। স্থানীয় लोगों की मांग है कि प्रशासन ऐसे मार्गों पर सुरक्षा जाल और चट्टान रोधी उपायों को प्राथमिकता दे।

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