স্বপ্ন দেখা প্রত্যেকের জীবনের অংশ। কিন্তু মাঝে মাঝে কিছু স্বপ্ন এত অদ্ভুত হয় যে ঘুম থেকে জেগে ওঠার পরেও আমরা তা ভুলতে পারি না। 'অদ্ভুত স্বপ্ন'-এর ক্ষেত্রেও এমনটা হয়, যা কেবল আমাদের মনকে নাড়িয়ে দেয় তাই নয়, অনেক সময় ভাবতে বাধ্য করে যে 'এর মানে কী ছিল?'
স্বপ্নে উড়তে দেখা
আমি উড়তে পেরে খুব খুশি ছিলাম, সবকিছু খুব সুন্দর লাগছিল। আকাশ নীল ছিল এবং পাখিরা আমার সাথে খেলা করছিল। আমার মনে হচ্ছিল যেন আমি কোনো জাদুই দুনিয়ায় এসেছি। কিন্তু হঠাৎ সবকিছু অদ্ভুত হয়ে গেল। আকাশ কালো হয়ে গেল, আর আমি নীচে পড়তে লাগলাম। আমার খুব ভয় লাগছিল। তখনই আমার চোখ খুলল এবং আমি স্বস্তির শ্বাস নিলাম – এটা শুধু একটা স্বপ্ন ছিল।
হঠাৎ মাটিতে পড়ে যাওয়া
আমি হঠাৎ একটি নির্জন জায়গায় পড়ে গেলাম, কিন্তু আমার কোনো আঘাত লাগেনি। সেখানকার মাটি মরুভূমির মতো শুকনো ছিল, চারদিকে নিস্তব্ধতা। না কোনো আওয়াজ, না কোনো মানুষ — শুধু আমি আর আমার অদ্ভুত ভয়। আমি इधर-उधर দেখতে লাগলাম, কিন্তু কিছু বুঝতে পারছিলাম না। তারপর আমি নিজেকে জিজ্ঞাসা করলাম, 'আমি কি স্বপ্ন দেখছি?' সবকিছু এত অদ্ভুত এবং আলাদা ছিল যে সত্যি এবং স্বপ্ন চেনা কঠিন হয়ে যাচ্ছিল।
একটি কথা বলা বিড়াল দেখা
আমি মরুভূমিতে ধীরে ধীরে এগিয়ে যাচ্ছিলাম, तभी হঠাৎ একটি বিড়াল আমার সামনে এল। সেই বিড়ালটি কিছু আলাদা দেখাচ্ছিল – তার চোখ चमक रही थीं এবং সে আমাকে गौर से देख रही थी। হঠাৎ সেই বিড়াল কথা বলতে শুরু করল! उसने कहा, 'তোমার ভেতরের আওয়াজ শোনা উচিত।' আমি অবাক হয়ে গেলাম, কারণ আমি কখনো ভাবিনি যে কোনো বিড়াল আমার সাথে এভাবে কথা বলতে পারে। उस पल मुझे लगा जैसे ये सपना कुछ कहना चाहता है।
পুরোনো স্কুলের ঘণ্টার আওয়াজ শোনা
আমি অদ্ভুত বিড়ালের সাথে চলছিলাম तभी अचानक আমাকে कहीं दूर से अपने पुराने स्कूल की घंटी की আওয়াজ सुनाई दी। वो आवाज़ बिल्कुल वैसी ही थी जैसी मैं बचपन में हर दिन सुना करता था। मन में अजीब सा भाव आया और मैं आवाज़ की दिशा में बढ़ चला। जब मैं वहाँ पहुँचा, तो खुद को अपने पुराने स्कूल के क्लासरूम में पाया। वहाँ वही पुरानी टीचर थीं जो हमें अक्सर डाँट देती थीं, लेकिन आज वो बहुत मुस्कुरा रही थीं। उन्होंने बोर्ड पर एक लाइन लिख रखी थी – 'জীবনের মানে।' ये देखकर मैं सोच में पड़ गया कि क्या ये सपना मुझे कुछ सिखाने आया है?
হঠাৎ ঘুম ভেঙে যাওয়া
সকালে যখন আমার চোখ খুলল, তখন বুকের धड़कन ज़ोर-ज़ोर से हो रही थी। স্বপ্ন तो ख़त्म हो गया था, लेकिन उसके असर से मैं अब भी बाहर नहीं आ पाया था। कमरे में सब कुछ पहले जैसा ही था, लेकिन मन में एक हलचल थी – যেমন কোনো অদৃশ্য কথা मुझसे कुछ कहना चाहती हो। मैंने गहरी साँस ली और बिस्तर पर बैठकर थोड़ी देर तक चुपचाप सोचता रहा। सपना अजीब था, लेकिन उसका हर दृश्य मेरे मन में अब भी ताज़ा था। मुझे लगने लगा कि शायद ये सपना मेरे डर या अंदर की उलझनों का आईना था। हम जब जागते हैं, तब भी हर चीज़ साफ़ नहीं होती – कुछ सवाल सपनों में आते हैं, और उनके जवाब कभी-कभी हमारी असल ज़िंदगी में मिलते हैं।
স্বপ্ন কেবল ভ্রম নয়
স্বপ্ন कई बार हमें हमारी सच्ची भावनाओं से मिलवाते हैं। हम दिन भर की थकान और उलझनों को तो भूल जाते हैं, लेकिन हमारा दिमाग उन्हें सपनों में किसी कहानी की तरह दिखाता है। अजीब सपनों के ज़रिए हम खुद की चिंता, डर और उम्मीदों को देख पाते हैं, जो हमें दिन में समझ नहीं आती। हर सपना कुछ न कुछ कहता है, चाहे वह कितना भी अजीब क्यों न हो। यह जरूरी नहीं कि हर सपना कोई बड़ा राज़ खोले, लेकिन वह हमारे अंदर की बातें ज़रूर उजागर करता है। इसलिए सपनों को केवल भ्रम नहीं समझना चाहिए – वे हमें खुद से जोड़ने का एक अनोखा तरीका हैं।
অদ্ভুত স্বপ্ন अक्सर हमें परेशान कर देते हैं, लेकिन ये हमारे भीतर चल रही भावनाओं और विचारों को समझने का संकेत भी होते हैं। जब हम इन सपनों को नजरअंदाज करने की बजाय समझने की कोशिश करते हैं, तो हमें अपने जीवन की कई अनकही बातें जानने का मौका मिलता है। इसलिए अगली बार जब कोई अजीब सपना आए, तो उसे डर की तरह नहीं बल्कि एक संदेश की तरह देखें – हो सकता है वह आपको खुद से मिलाने आया हो।