টিসিএস-এর কর্মী ছাঁটাই: ২০২৫-২৬ সালে ১২,২৬১ জনের চাকরি ঝুঁকিতে

টিসিএস-এর কর্মী ছাঁটাই: ২০২৫-২৬ সালে ১২,২৬১ জনের চাকরি ঝুঁকিতে

দেশের বৃহত্তম আইটি কোম্পানি টিসিএস (TCS) আগামী অর্থবর্ষ ২০২৫-২৬-এ তাদের ২% বিশ্বব্যাপী কর্মীবাহিনীকে ছাঁটাই করার পরিকল্পনা ঘোষণা করেছে। এর ফলে প্রায় ১২,২৬১টি চাকরি ঝুঁকির মুখে। বিশেষ বিষয় হল, এই ছাঁটাইয়ের প্রভাব মধ্য ও সিনিয়র স্তরের কর্মীদের উপর পড়বে। এই খবরের জেরে কোম্পানির শেয়ারেও বড় পতন দেখা গেছে।

শেয়ার বাজারে পতন, আইটি সেক্টরে চাঞ্চল্য

সোমবার সকালে শেয়ার বাজার খোলার সাথে সাথেই টিসিএস-এর শেয়ারে পতন দেখা যায়। বিএসই-তে (BSE) কোম্পানির শেয়ার ৩,০৮১.২০ টাকা পর্যন্ত নেমে যায়, যা প্রায় ১.৭% পতন દર્શાવે છે. નિફ્ટી আইটি ইনডেক্সেও (Nifty IT Index) ১.৬% পতন হয়েছে, যার ফলে ইনফোসিস (Infosys) এবং উইপ্রোর (Wipro) মতো অন্যান্য কোম্পানিও প্রভাবিত হয়েছে।

টিসিএস-এর শেয়ার शुरुआती কারবারে নিফটি আইটি ইনডেক্সে সবচেয়ে খারাপ পারফর্ম করা কোম্পানিগুলির মধ্যে ছিল। সকাল ৯:৪০ নাগাদ কোম্পানির শেয়ার ৩,০৯৫.২৫ টাকায় ট্রেড করছিল।

টিসিএস কেন এত বড় ছাঁটাই করছে?

কোম্পানি জানিয়েছে যে তারা ১২,২৬১টি পদ বাতিল করার পরিকল্পনা করছে। এই ছাঁটাই उन कर्मचारियों को प्रभावित करेगा जो मिडिल और सीनियर मैनेजमेंट में हैं। কোম্পানি के अनुसार, यह कदम "काम की कमी" के कारण नहीं, बल्कि कौशल की असंगति और कर्मचारियों की सही तैनाती न हो पाने के कारण उठाया जा रहा है।

টিসিএস-এর সিইও (CEO) কে. কৃষ্ণনিবাসন মানি কন্ট্রোলকে দেওয়া এক সাক্ষাৎকারে বলেছেন, “আমরা নতুন प्रतिभा को नियुक्त और प्रशिक्षित करते रहेंगे। यह फैसला तैनाती की व्यावहारिकता से जुड़ा है, और कंपनी को भविष्य के लिए तैयार करने की रणनीति का हिस्सा है।”

এআই (AI) এবং নতুন প্রযুক্তির জন্য প্রস্তুতি নিচ্ছে কোম্পানি

টিসিএস-এর ফোকাস এখন আর্টিফিশিয়াল ইন্টেলিজেন্স (Artificial Intelligence) বা এআই (AI), অটোমেশন (Automation) এবং ব্যবসার প্রসারের উপর। কোম্পানি চায় যে তাদের टीम भविष्य की जरूरतों के मुताबिक तैयार हो। इसी वजह से पुरानी स्किल सेट वाली टीमों की छंटनी की जा रही है और नई टेक्नोलॉजी में पारंगत कर्मचारियों को बढ़ावा दिया जा रहा है।

বেঞ্চ পলিসিতেও বড় বদল

টিসিএস সম্প্রতি তাদের বেঞ্চ পলিসিতে পরিবর্তন করেছে। এখন যে কোনও कर्मचारी को साल में कम से कम 225 बिलेबल दिन पूरे करने होंगे। साथ ही बेंच (बिना प्रोजेक्ट के समय) की सीमा भी घटाकर 35 दिन कर दी गई है। यह नियम उन कर्मचारियों के लिए है, जो किसी प्रोजेक्ट पर काम नहीं कर रहे हैं और कंपनी की लागत बढ़ा रहे हैं।

অ্যাট্রিবিউশন রেট (Attrition Rate) এবং এইচআর-এর (HR) চিন্তা

कंपनी की अट्रिशन रेट यानी कर्मचारियों के छोड़ने की दर जून 2025 तक बढ़कर 13.8% हो गई है, जो पिछली तिमाही में 13.3% थी। टीसीएस के सीएफओ ने इसे चिंता का विषय बताया और कहा कि कंपनी अब टॉप टैलेंट को बनाए रखने की रणनीति पर काम कर रही है।

প্রথম ত্রৈমাসিকের ফল: মুনাফা বাড়লেও রেভিনিউ (Revenue) কমেছে

FY26-এর প্রথম ত্রৈমাসিকে টিসিএস-এর নিট মুনাফা ₹১২,৭৬০ কোটি হয়েছে, যা আগের ত্রৈমাসিকের তুলনায় ৪.৩৮% বেশি। हालांकि, कंपनी का कुल राजस्व 1.6% घटकर ₹63,437 करोड़ पर आ गया है। इससे साफ है कि प्रॉफिट तो हुआ है, लेकिन ग्रोथ की रफ्तार धीमी हुई है।

শেয়ারহোল্ডারদেরও (Shareholders) झटका: रिटर्न में बड़ी गिरावट

पिछले कुछ महीनों में टीसीएस के शेयरों का प्रदर्शन निवेशकों के लिए निराशाजनक रहा है:

  • पिछले 1 महीने में: करीब 10% गिरावट
  • 6 महीनों में: 23% से ज्यादा की गिरावट
  • 1 साल में: लगभग 30% नुकसान
  • पिछले 5 सालों में: केवल 33% रिटर्न, जो बाजार औसत से काफी कम है

क्या मानें इस छंटनी को संकेत?

TCS की यह छंटनी केवल एक कंपनी का आंतरिक फैसला नहीं, बल्कि एक बड़ी इंडस्ट्री ट्रेंड की ओर इशारा करती है। जैसे-जैसे टेक्नोलॉजी बदल रही है, कंपनियों को स्किल्ड टैलेंट चाहिए और पुराने पदों की जगह नए रोल्स बन रहे हैं। इसका असर न केवल कर्मचारियों पर, बल्कि पूरे आईटी सेक्टर और बाजार के निवेशकों पर भी पड़ रहा है।

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